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मुक्तक
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गुरुवार, 15 जनवरी 2015
मुक्तक
एउटै घरमा बस्ने बीच नि चिनजान हुन्न शहरमा
धन सम्पत्ति भन्दा ठूलो इमान हुन्न शहरमा
चापलुसी र घुसखोरी जस्ले जान्यो उही महान
क्षमता र विज्ञताको सम्मान हुन्न शहरमा
सुजन बैरागी
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