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मुक्तक
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सोमवार, 16 अप्रैल 2012
मुक्तक
कतै सिधा त कतै बांगो हुन्छ
कतै बन्द त कतै उदाङो हुन्छ
जिन्दगी आखिर जिन्दगी न हो
आउने र जाने बेला नांगो हुन्छ
– सुजन बैरागी
1 टिप्पणी:
rohina
24 जुलाई 2012 को 3:09 am बजे
ho yar
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